विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हुआ जागरूकता अभियान
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हुआ जागरूकता अभियान ।
दैनिक कार्यों में लड़कियों के साथ लड़कों की भी भागीदारी सुनिश्चित कराने तथा लड़कों को प्रारंभ से ही महिलाओं का सम्मान करने की दें शिक्षा - डॉ नमिता जोशी
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास एंव पारिवारिक अध्ययन विभाग द्वारा बाल श्रम निषेध दिवस जागरूकता अभियान ग्राम जोरियम विकासखंड मिल्कीपुर, जनपद अयोध्या में आयोजित किया गया । उक्त कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के दिशा निर्देश में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में शोध छात्रा शशि ने उपस्थित अतिथियों एवं महिलाओं का स्वागत करते हुए संबंधित विषय की जानकारी दीl कार्यक्रम के आरम्भ में मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुमन प्रसाद मौर्या ने महिलाओं को बताया कि हर वर्ष दिनाक 12, जून को विश्व बाल निषेध दिवस मनाया जाता है ।जब की इस वर्ष दिनाक 3-13 जून तक बाल श्रम निषेध सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके क्रम मे दिनांक 9, जून ,2022 को सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा 75 वें आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष में महिलाओं को जागरूक करने के लिए मनाया जा रहा है। डॉ मौर्य ने बाल श्रम निषेध दिवस की भूमिका के विषय पर विस्तृत चर्चा की और बताया कि भारत मे 17 वर्ष से छोटे बच्चों से आर्थिक लाभ के लिए उपयोग मे लाने को बाल श्रमिक मानते है। भारत मे एक करोड़ से अथिक बाल श्रमिक है जिसमे से 71 % कृषि कार्यो मे, अन्य खानों एवं खदानो मे, घरेलू कार्य, ढाबों और भोजनालय मे श्रमिक है। पढ़ने और खेलने की उम्र मे श्रम से बच्चो पर कुप्रभाव पड़ता है ,जो सब के लिए चिता का विषय है जिसके लिए आर्थिक रूप से कामजोर परिवारों को सरकार की विभिन्न योजनाओ और परियोजनाओ का लाभ लेना चाहिए।
सहायक प्राध्यापक श्रीमती सरिता श्रीवास्तव ने बाल श्रम संबंधित आंकड़े बताते हुए बाल सुरक्षा में परिवार व समाज की भूमिका के महत्व के बारे में महिलाओं को जागरूक कियाl कार्यक्रम की अगली कड़ी में डॉ प्राची शुक्ला, गेस्ट फैकल्टी ने महिलाओं को बाल श्रम निषेध से संबंधित कानून के विषय में विस्तार से जानकारी दी एवं संबंधित हेल्प लाइन नंबर के विषय में बताया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान डॉ नमिता जोशी ने महिलाओं को समझाया कि दैनिक कार्यों में लड़कियों के साथ लड़कों की भी भागीदारी सुनिश्चित कराने तथा लड़कों को प्रारंभ से ही महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा देने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय प्रवक्ता ने बताया कि कार्यक्रम में 30 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में कुसुमलता चौहान ने अपनी भागीदारी देकर सहयोग दिया। कार्यक्रम के अंत में शोध छात्रा रंजना ने कार्यक्रम में उपस्थित समस्त शिक्षक, वैज्ञानिक, छात्राओं एवं महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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